Minor In Hindi Minor In Hindi

Minor In Hindi

Minor In Hindi | Minor In Hindi

हिन्दी भारत की राजभाषा ही नहीं है बल्कि वैश्विक धरातल पर बोली जाने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी भाषा भी है। इतना ही नहीं, व्यापार और कॉर्पोरेट जगत में भी संपर्क भाषा के रूप में इसने अपनी अलग पहचान बना ली है। हिन्दी का यह लघु पाठ्यक्रम स्नातक स्तर का है, जिसमें विशेष रूप से विद्यार्थियों में भाषा-कौशल विकसित करने के साथ-साथ सही जीवन-दृष्टि का विकास करने पर विशेष बल दिया गया है।

इसमें निहित हिंदी साहित्य विद्यार्थियों में जहाँ भारतीय सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भों के साथ-साथ मानव-मूल्यों को जानने-परखने की सही समझ विकसित करेगा, वहीं इसके माध्यम से रोजगारपरक भाषा-कौशल विकसित करने पर भी विशेष ज़ोर दिया गया है। इनमें अनुवाद, हिंदी में कम्प्यूटर और इंटरनेट पर कार्य करना, सरकारी एवं व्यावसायिक पत्र-लेखन, विज्ञापन-लेखन, समाचार-लेखन एवं सम्पादन कला, पटकथा एवं संवाद-लेखन आदि का व्यावहारिक स्तर पर ज्ञान कराना प्रमुख है। इसके अतिरिक्त इस पाठ्यक्रम में शुद्ध एवं प्रभावी ढंग से बोलने की कला भी विकसित करने पर जोर दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों में अपनी बात प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता विकसित हो सके।

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Language : English |  Hindi

Key Information

  • Duration
    3 Year
  • Programme Code
    ST3165
  • Course Type
    Minor Degree
  • Mode of study
    Full time
  • Campus
    Vidyavihar - Mumbai
  • Institute

उद्देश्य

यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों में निम्नलिखित क्षमताओं का विकास करने में सहायक होगा :
  • उनमें अपने समय और समाज की सामाजिक-सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक समझ विकसित होना।
  • जीवन-मूल्यों और मानवीय गुणों का विकास होना।
  • भाषिक क्षमता एवं भाषा-कौशल का विकास होना।
  • मीडिया-लेखन के लिए सक्षम बनाना।
  • कंप्यूटर और इंटरनेट पर हिन्दी में कम करने की क्षमता विकसित करना।
  • रोजगारपरक भाषा-कौशल के विकास से रोजगार की संभावनाएँ बढ़ाना। इस पाठ्यक्रम द्वारा विकसित जो प्रमुख रोजगारपरक भाषा-कौशल होंगे उनमें पढ़ने, लिखने और बोलने की कुशलता द्वारा प्रभावशाली संचार करना, सूचनाओं का संग्रह, विश्लेषण और उसकी सटीक व्याख्या करना, समाचार-लेखन, साक्षात्कार लेना, रेडियो-वार्ता, पटकथा एवं संवाद-लेखन जैसे माध्यमोपयोगी लेखन की क्षमता होना, सामूहिक चर्चा-परिचर्चा में सहभागिता, प्रभावशाली प्रस्तुति, दूसरों को ध्यान से सुनना और उस पर अपनी राय रखना, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का विकसित होना आदि प्रमुख हैं।

अपेक्षित परिणाम:

हिन्दी विषय में नियोजित यह लघु पाठ्यक्रम सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद निम्नलिखित क्षमताओं से परिपूर्ण होंगे -
  • हिन्दी भाषा और साहित्य के ऐतिहासिक विकास से परिचित होंगे। मध्यकालीन कविता जहाँ उनमें मानवीय मूल्यों का विकास करने में सहायक होगी, वहीं आधुनिक कविता और गद्य साहित्य के माध्यम से आज़ादी के बाद विकसित समाजार्थिक और सांस्कृतिक स्थितियों की समझ विकसित होगी। वैश्वीकरण और पर्यावरण की समस्या भी आधुनिक रचनाकारों की चिंता का विषय रहा है। इनके द्वारा इन समस्याओं से भी परिचित होंगे।
  • भाषा और भाषाकौशल की मूलभूत संकल्पनाओं का परिचय होगा, जिनका प्रत्यक्ष जीवन में सही ढंग से उपयोग कर सकेंगे।
  • भाषा और भाषाकौशल का व्यापक ज्ञान सरकारी राजभाषा विभागों तथा मुद्रित और इलेक्ट्रोनिक मीडिया संस्थानों में कार्य करते हुए सार्थक उपयोग कर सकेंगे।
  • विविध क्षेत्रों में कम कराते हुए भाषा और भाषाकौशल का आत्मविश्वास पूर्वक उपयोग कर सकेंगे।
मूल्यांकन पद्धति:

पाठ्यक्रम पर आधारित भाषा कौशल (लेखन, वाचन, श्रवण, संभाषण) सम्बन्धी गतिविधियाँ, कक्षा में सक्रिय सहभागिता, प्रस्तुतीकरण, मौखिक परीक्षा, प्रकल्प लेखन, कक्ष - परीक्षा, सत्रान्त लिखित परीक्षा.

अभ्यासक्रम की सूची :
(कुल 5 सेमेस्टर; कुल क्रेडिट : २०, प्रत्येक कोर्स: ४ क्रेडिट)
  • हिन्दी गद्य
  • प्रयोजनमूलक हिन्दी
  • हिन्दी कविता
  • जनसंचार माध्यम और हिन्दी
  • माध्यम-लेखन

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